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हिमाचल विधानसभा के गेट पर लगे खालिस्तानी झंडे, AAP ने मांगा सीएम का इस्तीफा

इस घटना से कुछ ही दिन पहले सुरक्षा एजेंसियों ने घटना को लेकर किया था अलर्ट.

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Khalistani flag hoisted out side state legislative assembly of Himachal Pradesh,
हिमाचल प्रदेश की विधान सभा के दरवाजे पर लगे खालिस्तानी झंडे (फोटो: ANI)
9 मई 2022 (Updated: 12 मई 2022, 16:30 IST)
Updated: 12 मई 2022 16:30 IST
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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) विधानसभा के गेट पर रविवार, 8 मई की सुबह खालिस्तानी झंडे (Khalistan)लगे मिले. विधानसभा परिसर की दीवारों पर भी खालिस्तान समर्थित नारे लिखे थे. मामला सामने आने के बाद से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने इस पूरी घटना की निंदा की और जांच का आदेश दिया. मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तुरंत झंडों को हटाया. फिलहाल ये पता नहीं चल सका है कि इस घटना को किसने अंजाम दिया है. पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच कर रही है.

प्रशासन ने क्या कहा?

इंडिया टुडे से जुड़े मंजीत सहगल से मिली जानकारी के मुताबिक घटना शनिवार, 7 मई की रात की है. यह विधानसभा परिसर कांगड़ा जिले के धर्मशाला में स्थित है. विधानसभा के मेन गेट पर कुछ अज्ञात लोगों ने खालिस्तानी झंडे लगाए. साथ ही परिसर की बाहरी दीवार पर भी खालिस्तानी झंडे लगा कर गुरमुखी लिपि में 'खालिस्तान जिंदाबाद' लिख दिया गया. सूत्रों का कहना है कि इस घटना के पीछे खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का हाथ है.

इस मामले में डिप्टी कमिश्नर निपुण जिंदल ने इंडिया टुडे को बताया,
 

"कुछ शरारती तत्वों ने विधानसभा के गेट पर पांच से छह खालिस्तानी झंडे लगाकर खलिस्तान समर्थित नारे लिख दिए हैं. पुलिस ने जानकारी मिलते ही मामले का संज्ञान लिया. सभी झंडों को हटवाकर दीवार को साफ किया गया है.  केस दर्ज कर जांच शुरू की जा चुकी है."

पुलिस का कहना है कि जिस किसी ने भी ये किया है वह पर्यटक के रूप में यहां तक आया होगा, ताकि किसी को पता न चल सके.

Khalistan Flag

विधान परिसर की बाहरी दीवार पर लिखे खलिस्तान समर्थित नारे (ANI)

खुफिया एजेंसियों ने किया था अलर्ट

हाल ही में हिमाचल सरकार ने राज्य के अंदर खालिस्तानी झंडा और जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर लगे सभी वाहनों की एंट्री पर बैन लगाने का आदेश दिया. सरकार के इस फैसले का सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने विरोध किया था. इसके बाद खुफिया एजेंसियों ने राज्य सरकार को 26 अप्रैल को एक अलर्ट जारी किया. ये कि सिख फॉर जस्टिस और ISI राज्य के अंदर किसी घटना को अंजाम दे सकते हैं. पन्नू ने मुख्यमंत्री को एक चिट्ठी लिखकर ये भी धमकी दी थी कि वह 29 अप्रैल को शिमला में खालिस्तान और भिंडरावाले का झंडा लहराएगा.

सुरक्षा में बड़ी चूक- AAP

हिमाचल प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. आम आदमी पार्टी ने इसे सुरक्षा में बड़ी चूक बताते हुए सीएम से इस्तीफा मांग लिया. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर लिखा,
 

“पूरी भाजपा एक गुंडे को बचाने में लगी है और उधर ख़ालिस्तानी झंडे लगाकर चले गए. जो सरकार विधानसभा ना बचा पाए, वो जनता को कैसे बचाएगी. ये हिमाचल की आबरू का मामला है, देश की सुरक्षा का मामला है. भाजपा सरकार पूरी तरह फेल हो गई. हिमाचल के मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफ़ा देना चाहिए या फिर केंद्र सरकार को तुरंत जयराम ठाकुर सरकार को बर्खास्त करना चाहिए.”

'यह कायरतापूर्ण हरकत है'- मुख्यमंत्री

वहीं, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसे एक कायरतापूर्ण घटना बताया. उन्होंने कहा कि रात के अंधेरे में खालिस्तानी झंडे लगाने वाली घटना की निंदा करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मशाला में स्थित विधानसभा परिसर में सिर्फ शीतकालीन सत्र ही चलता है. इस कारण से वहां अधिक सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत उसी दौरान होती है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा,
 

“इसी का फायदा उठाकर यह कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया गया है, लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. इस घटना की त्वरित जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. मैं उन लोगों को कहना चाहूंगा कि यदि हिम्मत है तो रात के अंधेरे में नहीं, दिन के उजाले में सामने आएं.”


वहीं धर्मशाला की एसडीएम शिल्पी बेकता ने कहा कि मामले में संबंधित कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी. उनका कहना है कि ये घटना एक चेतावनी है और अब हमें काफी सजग रहने की जरूरत है. एसडीएम ने कहा कि मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.

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